चंद लम्हों की डोर से जुडी है ज़िन्दगी
चंद लम्हों के ओर यूँ झुकी है ज़िन्दगी!
हर लम्हों को प्याले में उतार दे ए साकी
अब तो मैकदे की और मुड़ी है ज़िन्दगी!
चंद लम्हों के ओर यूँ झुकी है ज़िन्दगी!
हर लम्हों को प्याले में उतार दे ए साकी
अब तो मैकदे की और मुड़ी है ज़िन्दगी!
- साहिल
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