Sunday, January 9, 2011

न होता मैं, तो क्या होता!

न था जब मैं, तो क्या था
जो हूँ अब मैं, तो क्या होगा!
गुल फिरदौस में तो अब भी खिलते है
न रहूँ जब मैं तो क्या वो गुलिस्तान होगा!

जो हूँ अब मैं तो सब रहनुमा है मेरे
न होता मैं तो क्या होता!

अब भी याद आता है साहिल!
तेरे बातों पर उसका यों कह देना
जो हूँ अब मैं, तो जग है मेरा
न होता मैं, तो क्या होता!

- साहिल 

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