Thursday, August 15, 2013

क्या मैं आज़ाद हूँ?



क्या मैं आज़ाद हूँ, कही विप्लव तो कही फसाद हूँ
बँट रहा हर साल हूँ, कही प्रत्यय तो कही अविश्वास हूँ
लोग कुछ यूं हैरान है, कही अधोमूख तो कही अपार हूँ
क्या मैं इक सामान हूँ, कही अहम तो कही बेकार हूँ

क्या आज मैं आज़ाद हूँ, पूछे कोई तो बस चुप-चाप हूँ
कैद किसके हाथ हूँ, जान कर भी मैं क्यों अनजान हूँ
बन गया इक सवाल हूँ, जवाब जिसका मिथ्याभास हूँ
खो कर हर पल खुदी को, हो रहा मैं अब आज़ाद हूँ

- साहिल