साहिल के साहिल!
Friday, October 1, 2010
मोहब्बत के कहकशां!
मोहब्बत के कहकशां में भटके हुए,
मंजिलो के दरमियाँ का फासला न पूछ..
साहिल गुज़र चुके है इन रास्तो से,
मुसाफिर तू अब उनका हाल न पूछ...
- साहिल
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