न था जब मैं, तो क्या था
जो हूँ अब मैं, तो क्या होगा!
गुल फिरदौस में तो अब भी खिलते है
न रहूँ जब मैं तो क्या वो गुलिस्तान होगा!
जो हूँ अब मैं तो सब रहनुमा है मेरे
न होता मैं तो क्या होता!
अब भी याद आता है साहिल!
तेरे बातों पर उसका यों कह देना
जो हूँ अब मैं, तो जग है मेरा
न होता मैं, तो क्या होता!
न होता मैं तो क्या होता!
अब भी याद आता है साहिल!
तेरे बातों पर उसका यों कह देना
जो हूँ अब मैं, तो जग है मेरा
न होता मैं, तो क्या होता!
- साहिल