Friday, September 13, 2013

यथार्थता..



दिखाई दे जो साफ़ वो छलावा भी हो सकता है
प्यार के दो बोल एक भुलावा भी हो सकता है
हँसता चेहरा आप का एक दिखावा भी हो सकता है
जान कर भी सब अगर सवाल करे कोई
उन सवालों का जवाब एक सवाल भी हो सकता है

- साहिल 

No comments:

Post a Comment