साहिल के साहिल!
Monday, November 1, 2010
कोई आँसू...
हसती आँखें तो बस नज़रों का एक धोखा है,
झांक कर देखो, कोई आँसू कही इनमें छुपा है!!
न परेशान करो, रहने दो उसे कही कोने में
बह गया तो फिर रोकने से भी वो न रुका है!!
- साहिल
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